डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन क्या है? डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन क्यों किया जाता है? डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन करने का क्या प्रोसेस है - नमस्कार दोस्तों कैसे हैं आप सभी? उम्मीद है कि आप सभी स्वस्थ होंगे। मैं एक बार फिर से आप सभी का स्वागत करता हूं हमारे इस बिल्कुल नए आर्टिकल पर। दोस्तों आज हम आपको अपने इस आर्टिकल में एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय पर जानकारी देने जा रहे हैं। आज इस आर्टिकल में हम आपको डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के बारे में बताएंगे। साथ में हम आपको यह भी बताएंगे कि डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन कैसे किया जाता है? और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन क्यों किया जाता है? तो दोस्तों अगर आप भी यह जानकारी पाना चाहते हैं तो हमारा आर्टिकल आखिरी तक पूरा पढ़िए। इस आर्टिकल में आपको डॉक्युमेंट वेरीफिकेशन से संबंधित संपूर्ण जानकारी दी गई है।
दोस्तों अगर आप सरकारी नौकरी की तैयारी कर रही हैं या फिर प्राइवेट नौकरी में भी इंटरव्यू देने की तैयारी कर रहे हैं तो हमें पूरा यकीन है कि आपने डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन का नाम जरूर सुना होगा। डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्रोसेस होता है यदि आप किसी भी कंपनी या किसी भी विभाग में नौकरी पाना चाहते हैं तो आपको इस प्रोसेस से होकर गुजरना पड़ता है। जितने भी लोगों को डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के बारे में पता है तो उन्हें ज्यादा समस्या नहीं होती है पर बहुत से छात्र नए होते हैं जिन्हें डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के बारे में जानकारी नहीं होती है। और जब उनसे डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के बारे में कहा जाता है तो वह परेशान हो जाते हैं क्योंकि उन्हें इस बारे में बिल्कुल भी नहीं पता होता।
दोस्तों अगर आप भी नए छात्र हैं और आपको documents वेरिफिकेशन के बारे में जानकारी नहीं है तो अब आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। क्योंकि इस आर्टिकल में हम आपको डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन से संबंधित हर एक जानकारी बड़े ही विस्तार से देंगे। इसे जानने के बाद आपके डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन से संबंधित सारे डाउट क्लियर हो जाएंगे।
डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन क्या है ?
दोस्तों अब हम आपको ज्यादा समय बर्बाद ना करते हुए आपको बताते हैं डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन क्या है। दोस्तों यदि आप भी डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के बारे में नहीं जानते तो आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के अंतर्गत आप के जितने भी डॉक्यूमेंट है उन सभी को सत्यापित किया जाता है।
जैसा कि आप सभी जानते हैं आजकल मार्केट में बहुत अधिक धोखाधड़ी है। कई बार बहुत सारे छात्र नकली डॉक्यूमेंट बनवा कर ले आते हैं और कंपनी में जॉब के लिए अप्लाई कर देते हैं। ऐसे में वह योग्य नहीं होते हैं फिर भी उन्हें नौकरी मिल जाती है। इन्हीं सब समस्याओं से बचने के लिए कंपनी डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन करती है। इस वेरीफिकेशन प्रोसेस के अंतर्गत कंपनी आपके डॉक्यूमेंट के सीरियल नंबर की सहायता से चेक करती है कि आपका डॉक्यूमेंट गवर्नमेंट में रजिस्टर्ड है अथवा नहीं है। और यदि आपका डॉक्यूमेंट रजिस्टर्ड होता है तो आपको नौकरी प्रदान कर दी जाती है।
डॉक्युमेंट वेरीफिकेशन क्यों आवश्यक है?
बहुत से लोगों के मन में कंफ्यूजन है कि आखिर डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन क्यों आवश्यक है। तो दोस्तों इसका कारण यह है कि कोई भी अयोग्य व्यक्ति नौकरी को ना प्राप्त कर पाए इसीलिए डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन किया जाता है। वर्तमान समय में ऐसे अनेक एजेंट है जो पैसे लेकर अलग-अलग सर्टिफिकेट बना कर देते हैं।
यदि आपको कक्षा 10 की मार्कशीट कक्षा 12 की मार्कशीट या अन्य कई डॉक्यूमेंट चाहिए होते तो आप उन्हें पैसे देकर उसे डॉक्यूमेंट बनवा सकते हैं। यह डॉक्यूमेंट हूबहू ओरिजिनल डॉक्यूमेंट की तरह दिखाई देते हैं। लेकिन दोस्तों यह इंटरनेट पर रजिस्टर्ड नहीं होते हैं। यदि कंपनी डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन नहीं करेगी तो कोई भी व्यक्ति नौकरी प्राप्त कर लेगा। इसीलिए डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन करना आवश्यक होता है ताकि सिर्फ योग्य व्यक्तियों को नौकरी मिले।
डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन कब किया जाता है ?
दोस्तों अब यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न खड़ा होता है कि आखिर डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन कब किया जाता है। दोस्तों अलग-अलग कंपनियों और विभागों में डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन कराने का प्रोसेस अलग होता है। यदि आप किसी सरकारी विभाग में अप्लाई करते हैं तो वहां पर लिखित परीक्षा पास करने के बाद और साक्षात्कार होने के बाद आपका डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन होता है। यदि आप किसी प्राइवेट कंपनी में नौकरी लेने के लिए जाते हैं तो वहां पर इंटरव्यू के दौरान ही आपका डॉक्यूमेंटेशन हो जाता है। कुछ कुछ कंपनियां पहले आपका डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन करती हैं और उसके बाद में चयन प्रक्रिया आरंभ करती हैं।
कौन से डॉक्यूमेंट का वेरिफिकेशन होता है?
दोस्तों जैसा कि आप सभी को पता है कि हमारे पास अनेक प्रकार के डॉक्यूमेंट होते हैं। इनमें से कुछ डॉक्यूमेंट हमारे पर्सनल होते हैं कुछ डॉक्यूमेंट हमारे प्रोफेशनल डॉक्यूमेंट होते हैं। अब आप सभी सोच रहे होंगे कि आखिर हमारे कौन से डॉक्यूमेंट को नौकरी के समय वेरीफाई किया जाता है। नीचे हम आपको कुछ डॉक्यूमेंट की लिस्ट दे रहे हैं। नौकरी के समय इन डॉक्यूमेंट को वेरीफाई किया जाता है।
- ● कक्षा 10 की मार्कशीट
- ● कक्षा 12 की मार्कशीट
- ● आय प्रमाण पत्र जाति प्रमाण पत्र एवं निवास प्रमाण पत्र
- ● आधार कार्ड अथवा वोटर आईडी कार्ड
- ● यदि नौकरी में स्नातक की डिग्री मांगी गई है तो स्नातक का सर्टिफिकेट
- ● यदि आप किसी मेडिकल समस्या के द्वारा मेडिकल आरक्षण ले रहे हैं तो मेडिकल सर्टिफिकेट
डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन कैसे होता है ?
अब आप सभी के मन में प्रश्न आ रहा होगा कि आखिर डॉक्यूमेंट की सत्यता की जांच कैसे की जाती है? डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन करना बहुत ही आसान होता है। सबसे पहले कंपनी डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन करने के लिए एक कमेटी का गठन करती है। इस समिति का मुख्य काम डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन करना होता है।
जब हम किसी डॉक्यूमेंट के लिए अप्लाई करते हैं और हमारा डॉक्यूमेंट बनाया जाता है तो यह ऑनलाइन प्रोसेस से होकर गुजरता है और सरकार को इस डॉक्यूमेंट के संपूर्ण जानकारी होती है। हर एक डॉक्यूमेंट का अपना एक रजिस्ट्रेशन नंबर अथवा सीरियल नंबर होता है। यह सीरियल नंबर सरकार के पास रजिस्टर्ड होता है और इसी सीरियल नंबर पर आप की पूरी जानकारी होती है।
जब कोई कंपनी आपके सर्टिफिकेट की जांच करती है तो मैं सीरियल नंबर को आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड करती है। और यदि आपकी इंफॉर्मेशन ओपन होकर आ जाती है तो आपका डॉक्यूमेंट वेरीफाई हो जाता है। यदि आपने कोई फर्जी डॉक्यूमेंट बनवाया होगा तो वह इंटरनेट पर सरकार की वेबसाइट में अपलोड नहीं होगा और आप पकड़ जाएंगे।
निष्कर्ष
दुरुस्त
अगर आपके लिए एक छोटी सी जानकारी थी। आज की यह जानकारी यहीं पर समाप्त होती है। आज
इस आर्टिकल में हमने आपको डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के बारे में बताया। हमें उम्मीद है
कि यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। हम आपके लिए अनेक प्रकार की जानकारियां लेकर आते
रहते हैं। अगर आप इसी प्रकार की अन्य जानकारियां पाना चाहते हैं तो हमारा आर्टिकल प्रतिदिन
पढ़िए। अपना कीमती समय देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। शुभ दिन
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