सफलता का रहस्य क्या है (Safalta ka Rahasya Kya Hai) :-
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Safalta ka Rahasya Kya Hai |
सफलता का रहस्य क्या है ! Safalta ka Rahasya Kya Hai
जिन लोगों ने सफलता हासिल की है विशेष रूप से वे लोग जिन्होंने अपने जीवन में अलग-अलग जगहों पर सफलता हासिल की है हमारे आस पास ऐसे बहुत से उदाहरण मिल जाएंगे जिन्होंने कई कठिनाइयों का सामना करके सफलता हासिल की है कुछ ऐसे भी सफल व्यक्ति है जो किसी संसाधन के बिना ही सफलता हासिल की है
आखिरकार ये सफल लोग क्या करते हैं इनकी सफलता का रहस्य क्या है इस आर्टिकल में सफलता के रहस्य के बारें में जानकारी दी जा रही है सफलता पाने के लिए दो महत्वपूर्ण बातें जो सफलता पाने में बहुत ही अहम भूमिका निभाते है
#1- लक्ष्य के प्रति पूर्ण समर्पण
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Safalta ka Rahasya |
हम जानते हैं परीक्षा में हजारों अभ्यर्थी बैठते हैं लेकिन सफलता कुछ ही लोगों को मिलती है कुछ ही अभ्यर्थी सफल हो पाते हैं सफल होने वाले व्यक्ति असफल होने वाले व्यक्तियों से बहुत कम होते हैं इसका कारण यह है कि सफल होने वाले लोगों का लक्ष्य के प्रति समर्पण नहीं होता है आधे अधूरे मन से कार्य को अंजाम देते हैं
सफलता के लिए जिस दृढ़ता की ,इच्छाशक्ति की,अनुशासन की,कार्य को हर हालत में पूरा करने की,जज्बे की आवश्यकता होती है उनका असफल होने वाले लोगों में नितांत अभाव होता है
सफलता की बुलंदियों को छूने वाला हर शख्स सफलता के लिए अपने लक्ष्य के प्रति पूर्ण समर्पित होता है उसका हर कदम अपने लक्ष्य के प्रति अग्रसर होना होता है उसकी सोच में हर हालत में अपने मंजिल को हासिल करने का जज्बा होता है
सफलता संघर्ष की गाथा है सफलता के मार्ग में बहुत सी कठिनाईया, रुकावटें आती है पर आपको अपने लक्ष्य के प्रति समर्पण रहना होगा । आईये इसे एक उदाहरण के द्वारा समझते हैं
Example- एक लड़का और सुकरात
एक बार एक नौजवान लड़के ने सुकरात से पूछा कि सफलता का रहस्य क्या है सुकरात ने उस लड़के से कहा कि तुम कल मुझे नदी के किनारे मिलो वह लड़का अगले दिन सुकरात से मिला फिर सुकरात ने नौजवान लड़के से उनके साथ नदी की तरफ बढ़ने को कहा और जब आगे बढ़ते बढ़ते पानी गले तक पहुँच गया तभी अचानक सुकरात ने उस लड़के का सर पकड़ के पानी में डुबो दिया लड़का बाहर निकलने के लिए संघर्ष करने लगा
लेकिन सुकरात ताकतवर थे और तब तक डुबा कर रखें जब तक कि वह ढ़ीला नहीं पड़ने लगा फिर सुकरात ने उसका सर पानी में से बाहर निकाल दिया निकलते ही जो चीज उस लड़के ने सबसे पहले किया वह था तेजी से सांस लेना ,सुकरात ने पूछा जब तुम पानी के अंदर थे तो तुम सबसे ज्यादा क्या चाहते थे लड़के ने उत्तर दिया सांस लेना सुकरात ने कहा यही सफलता का राज है जब तुम सफलता को उतनी ही बुरी तरह से चाहोगे जितना कि तुम सांस लेना चाहते थे तो वह तुम्हें मिल जाएगी । यह सफलता का बहुत बड़ा रहस्य है
"ख्वाहिश भले छोटी सी हो लेकिन उसे पूरा करने के लिए दिल जिद्दी होना चाहिए"
#2- अपना धैर्य बनाए रखें
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Safalta ka Rahasya |
अगर अपने लाइफ के लक्ष्य को पाना है तो आपको धैर्य रखना आना चाहिए इस दुनिया में जितने बड़े-बड़े महापुरुष हुए हैं उनमें यह बात कॉमन थी धैर्य उनके स्वभाव में था अगर आप कठिन समय में धैर्य बना लिया तो समझ ले कि आप को जीतने से कोई नहीं रोक सकता ।
अगर आपने अपने लक्ष्य को पाने में बहुत ही हार्ड वर्क किया हो पर अगर आपको वहा सफलता नहीं मिली हो जो आप पाना चाहते हो तो ऐसे में हार न माने यही समय होता है जब पेशेंस आपकी परीक्षा लेता है उस समय आपको धैर्य बनाए रखना होगा अगर आप धैर्य नहीं रखेंगे तो आपने अब तक जितनी मेहनत की होगी वह सब खत्म हो जाएगी
आईये इसे एक उदाहरण के द्वारा समझते हैं
Example- राजा और भिखारी
एक धनवान राजा था जब भी वह मंदिर जाता था उस मंदिर के बाहर उसे दो भिखारी मिलते थे राजा को देखकर उनमें से एक भिखारी कहता था हे भगवान तुम ने इस राजा को बहुत कुछ दिया है मुझे भी दे दो, दूसरा भिखारी कहता था हे राजन भगवान ने तुम्हें बहुत कुछ दिया है मुझे भी दे दो,
एक दिन दोनों भिखारी आपस में बातें करने लगे भगवान से माँगने वाला बोला तुझे भगवान से माँगना चाहिए भगवान सबकी सुनता है सबको देता है ,राजा से माँगने वाला बोला - चुप कर बेवकूफ इतने सालों से भगवान ने नहीं सुनी जो भी सामने दिखे उसी से माँगो ।
एक दिन राजा ने अपने मंत्री को बुलाया और उससे कहा मंदिर के बाहर बैठे भिखारियों में से एक भगवान से माँगता है भगवान उसकी जरूर सुनेगा लेकिन दूसरा भिखारी मुझसे माँगता है तुम एक काम करो एक बड़े बर्तन में खीर भरकर उसमें सोने के सिक्के डाल दो और उस भिखारी को दे दो मंत्री ने ऐसा ही किया
एक दिन राजा ने अपने मंत्री को बुलाया और उससे कहा मंदिर के बाहर बैठे भिखारियों में से एक भगवान से माँगता है भगवान उसकी जरूर सुनेगा लेकिन दूसरा भिखारी मुझसे माँगता है तुम एक काम करो एक बड़े बर्तन में खीर भरकर उसमें सोने के सिक्के डाल दो और उस भिखारी को दे दो मंत्री ने ऐसा ही किया
मंत्री ने खीर का बर्तन भिखारी को दे दिया खीर का बर्तन मिलते ही भिखारी मजे से खाने लगा खीर खाते-खाते वह दूसरे भिखारी को चिढ़ाने लगा बड़ा आया भगवान से माँगने वाला माँगते माँगते पूरी जिंदगी गुजर गई भगवान ने तुझे क्या दिया । खीर का बर्तन बड़ा होने की वजह से खीर ज्यादा थी जब उसका पेट भर गया तो उसने खीर का बर्तन दूसरे भिखारी को देते हुए कहा ले मेरा पेट भर गया अब तू खा ले
अगले दिन राजा फिर से मंदिर गया राजा ने देखा भगवान से माँगने वाला भिखारी गायब था लेकिन राजा से माँगने वाला भिखारी अभी भी वहीं बैठा था राजा ने चलते हुए उससे पूछा क्या तुम्हें खीर का बर्तन नहीं मिला भिखारी बोला महाराज मिला था खीर बहुत स्वादिष्ट थी मैंने पेट भर कर खाया
अगले दिन राजा फिर से मंदिर गया राजा ने देखा भगवान से माँगने वाला भिखारी गायब था लेकिन राजा से माँगने वाला भिखारी अभी भी वहीं बैठा था राजा ने चलते हुए उससे पूछा क्या तुम्हें खीर का बर्तन नहीं मिला भिखारी बोला महाराज मिला था खीर बहुत स्वादिष्ट थी मैंने पेट भर कर खाया
राजा ने पूछा फिर क्या हुआ भिखारी बोला महाराज खीर ज्यादा था इसलिए बचा हुआ खीर यहाँ बैठे हुए भिखारी को दे दी वह बेवकूफ हमेशा यही कहता रहता था भगवान देगा भगवान देगा राजा ने मुस्कुराते हुए कहा बेवकूफ वो नहीं तुम हो भगवान ने उसकी सुन भी ली और उसे दे भी दिया दोस्तों इस मोटिवेशन स्टोरी से हमें यह समझना चाहिए कि अच्छे और बड़े मौके मिलने में समय लगता है इसलिए हमे धैर्य रखना चाहिए यह सफलता के रहस्य का बहुत बड़ा हिस्सा है
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"थोड़ा सा धैर्य ढेर सारी बुद्धि से अधिक मूल्यवान है"
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