ए.पी.जे अब्दुल कलाम का जीवन परिचय ! अखबार बेचने से राष्ट्रपति बनने तक :
Hello Friends, कैसे हैं आप ? हमें पूरी उम्मीद है आप सब अच्छे ही होंगे इस पोस्ट में "ए.पी.जे अब्दुल कलाम का जीवन परिचय" पर एक जबरदस्त टॉपिक लेकर हाजिर हैं
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Apj Abdul Kalam Biography Hindi |
ए.पी.जे अब्दुल कलाम की जीवनी ! A.P.J Abdul Kalam Biography
एक ऐसा शख्सियत जिसने राजनीति और विज्ञान के क्षेत्र में हमें बहुत कुछ दिया है और उनके दिए गए आविष्कारों से आज भारत ही नहीं बल्कि पूरा विश्व उन पर गर्व करता है जिन्होंने यह साबित कर दिया कि कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प से कुछ भी पाया जा सकता है परिस्थिति चाहे जैसा हो
उस शख्सियत का नाम डॉक्टर ए.पी.जे अब्दुल कलाम है इनका पूरा नाम डॉ अब्दुल पाकिर जैनुलअब्दीन अब्दुल कलाम है
नाम - अब्दुल पाकिर जैनुलअब्दीन अब्दुल कलाम
जन्म - 15 अक्टूबर 1931
मृत्यु - 27 जुलाई 2015
धर्म - इस्लाम
जन्मस्थान - धनुषकोडी,रामेश्वरम,तमिलनाडु,भारत
पिता - जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम
माता - आशिअम्मा
शिक्षा - सेंट जोसेफ कॉलेज तिरुचिरापल्ली मद्रास इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी
राष्ट्रपति - 25 जुलाई 2002 - 25 जुलाई 2007
राष्ट्रपति - 25 जुलाई 2002 - 25 जुलाई 2007
पेशा - प्रोफेसर,लेखक,वैज्ञानिक,एयरोस्पेस,इंजीनियर
वेबसाइट - abdulkalam.com
वेबसाइट - abdulkalam.com
उपनाम - मिसाइल मैन,जनता के राष्ट्रपति
मृत्यु का कारण - दिल का दौरा
भाई - कासिम मोहम्मद,मुस्तफा कमल,मोहम्मद मुथु मीरा लेबाई मारिकायर
बहन - असिम जोहरा
बहन - असिम जोहरा
विवाह - अविवाहित
प्रारंभिक जीवन:
अबुल पाकिर जैनुलअब्दीन अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम,धनुषकोडी में एक मुसलमान परिवार में हुआ था उनके पिता जैनुलाब्दीन एक नाविक थे उनकी माता आशिअम्मा एक गृहणी थी डॉक्टर कलाम पाँच भाई-बहन थे
बचपन के संघर्ष के दिन:
अब्दुल कलाम का बचपन बहुत ही संघर्षों से गुजरा था क्योंकि वह गरीब परिवार से थे इसलिये वह बचपन से ही पढ़ाई के साथ-साथ काम भी किया करते थे जिस प्रकार अखबार बांटने के लिए किसी को काम पर रखा जाता है उसी तरह अब्दुल कलाम भी बचपन में अखबार बांटने का काम करते थे
मुफ्त में ट्यूशन पढ़ने के लिए सुबह 4:00 बजे नहाकर पढ़ने जाते थे ट्यूशन पढ़ने के बाद नमाज पढ़ते थे और उसके बाद रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों पर अखबार वितरण का काम करते थे
स्कूल और कॉलेज का दौर:
अपने स्कूल के दिनों में कलाम पढ़ाई लिखाई में सामान्य थे पर नई चीज़ सीखने के लिए हमेशा तत्पर और तैयार रहते थे उनके अंदर सीखने की भूख थी और वह पढ़ाई पर घंटों ध्यान देते थे
उन्होंने अपनी स्कूल की पढ़ाई रामनाथपुरम स्च्वात्रज मैट्रिकुलेशन स्कूल से पूरी की और उसके बाद तिरुचिरापल्ली के सेंट जोसेफ कॉलेज में दाखिला लिया जहां से उन्होंने सन 1954 में भौतिक विज्ञान में स्नातक किया उसके बाद वर्ष 1955 में वह मद्रास चले गए जहां से उन्होंने एयरोस्पेस इंजीनियर की शिक्षा ग्रहण की । वर्ष 1960 में कलाम ने मद्रास इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की ।
वैज्ञानिक कैरियर:
मद्रास इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद कलाम ने रक्षा अनुसंधान और D.R.D.O में वैज्ञानिक के तौर पर भर्ती हुए कलाम ने अपने कैरियर की शुरुआत भारतीय सेना के लिए एक छोटे हेलीकॉप्टर का डिजाइन बनाकर किया ।
D.R.D.O में कलाम को उनके काम से संतुष्टि नहीं मिल रही थी कलाम पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा गठित 'इंडियन नेशनल कमेटी फॉर स्पेस रिसर्च' के सदस्य भी थे इस दौरान उन्हें प्रसिद्ध अंतरिक्ष वैज्ञानिक विक्रम साराभाई के साथ कार्य करने का अवसर मिला ।
वर्ष 1969 में डॉक्टर कलाम का स्थानांतरण भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में हुआ यहां वह भारत के सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल परियोजना के निदेशक के तौर पर नियुक्त किए गए थे इसी परियोजना की सफलता के परिणाम स्वरुप भारत का प्रथम उपग्रह 'रोहिणी' पृथ्वी की कक्षा में वर्ष 1980 में स्थापित किया गया ।
वर्ष 1969 में डॉक्टर कलाम का स्थानांतरण भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में हुआ यहां वह भारत के सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल परियोजना के निदेशक के तौर पर नियुक्त किए गए थे इसी परियोजना की सफलता के परिणाम स्वरुप भारत का प्रथम उपग्रह 'रोहिणी' पृथ्वी की कक्षा में वर्ष 1980 में स्थापित किया गया ।
इसरो में शामिल होना कलाम के कैरियर का सबसे अहम मोड़ था और जब उन्होंने सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल परियोजना पर कार्य आरम्भ किया तब उन्हें लगा जैसे वह वही कार्य कर रहे हैं जिसमें उनका मन लगता है
1963-1964 के दौरान उन्होंने अमेरिका के संगठन नासा की भी यात्रा की । परमाणु वैज्ञानिक राजा रमन्ना जिनके देख-रेख में भारत ने पहला परमाणु परीक्षण किया कलाम को वर्ष 1974 में पोखरण में परमाणु परीक्षण देखने के लिए भी बुलाया गया था 1970 और 1980 के दशक में अपने कार्यों और सफलताओं से डॉक्टर कलाम बहुत प्रसिद्ध हो गए और देश के सबसे बड़े वैज्ञानिक में उनका नाम गिना जाने लगा ।
उनकी ख्याति इतनी बढ़ गई थी की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपने कैबिनेट की मंजूरी के बिना ही उन्हें कुछ गुप्त योजनाओं पर कार्य करने की अनुमति दे दी थी भारत सरकार ने महत्वाकांक्षी 'इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम' का प्रारंभ डॉक्टर कलाम के देख-रेख में किया वह इस परियोजना के मुख्य कार्यकारी थे इस परियोजना ने देश को अग्नि और पृथ्वी जैसी मिसाइलें दी हैं
जुलाई 1992 से लेकर दिसम्बर 1999 तक डॉक्टर कलाम प्रधानमंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (D.R.D.O) के सचिव थे भारत ने अपना दूसरा परमाणु परीक्षण इसी दौरान किया ।
जुलाई 1992 से लेकर दिसम्बर 1999 तक डॉक्टर कलाम प्रधानमंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (D.R.D.O) के सचिव थे भारत ने अपना दूसरा परमाणु परीक्षण इसी दौरान किया ।
उन्होंने इसमें एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और R.चिदंबरम के साथ डॉक्टर कलाम इस परियोजना के समन्वयक थे इस दौरान मिले मीडिया कवरेज ने उन्हें देश का सबसे बड़ा परमाणु वैज्ञानिक बना दिया ।
भारत के राष्ट्रपति के तौर पर कार्य:
एक रक्षा वैज्ञानिक के तौर पर उनकी उपलब्धियां और प्रसिद्धि के मद्देनजर एनडीए की गठबंधन सरकार ने उन्हें वर्ष 2002 में राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी लक्ष्मी सहगल को भारी अंतर से पराजित किया और 25 जुलाई 2002 को भारत के 11वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लिये ।
डॉक्टर कलाम देश के तीसरे राष्ट्रपति थे जिन्हें राष्ट्रपति बनने से पहले ही भारत रत्न नवाजा जा चुका है इससे पहले डॉ राधाकृष्णन और डॉक्टर जाकिर हुसैन को राष्ट्रपति बनने से पहले भारत रत्न से सम्मानित किया जा चुका है
उनके कार्यकाल के दौरान उन्हें जनता का राष्ट्रपति कहा गया अपने कार्यकाल की समाप्ति पर उन्होंने दूसरे कार्यकाल की भी इच्छा जताई पर राजनीतिक पार्टियों में एक राय की कमी होने के कारण उन्होंने यह विचार त्याग दिया ।
उनके कार्यकाल के दौरान उन्हें जनता का राष्ट्रपति कहा गया अपने कार्यकाल की समाप्ति पर उन्होंने दूसरे कार्यकाल की भी इच्छा जताई पर राजनीतिक पार्टियों में एक राय की कमी होने के कारण उन्होंने यह विचार त्याग दिया ।
12वें राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के कार्यकाल की समाप्ति के समय एक बार फिर उनका नाम अपने संभावित राष्ट्रपति के रूप में चर्चा में था परंतु आम सहमति नहीं होने के कारण उन्होंने अपनी उम्मीदवारी का विचार त्याग दिया
राष्ट्रपति पद से सेवा मुक्त होने के बाद का समय:
राष्ट्रपति पद से सेवा मुक्त होने के बाद डॉक्टर कलाम शिक्षण ,लेखन ,मार्गदर्शन और शोध जैसे कार्यों में व्यस्त रहें और भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलांग, भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद, भारतीय प्रबंधन संस्थान इंदौर जैसी संस्थाओं से विजिटिंग प्रोफेसर के तौर पर जुड़े रहे ।
इसके अलावा वह भारतीय विज्ञान संस्थान बेंगलोर के फेलो, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी थिरुवनंथपुरम के चांसलर ,अन्ना यूनिवर्सिटी चेन्नई में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के प्रोफेसर भी रहे
उन्होंने आईआईटी हैदराबाद ,बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी और अन्ना यूनिवर्सिटी में सूचना प्रौद्योगिकी भी पढ़ाया था हमेशा से देश के युवाओं और उनके भविष्य को बेहतर बनाने के बारे में बात करते थे इसी संबंध में उन्होंने देश के युवाओं के लिए 'व्हाट कैन आई गिव' पहल की शुरुआत भी की जिसका उद्देश भ्रष्टाचार का सफाया था देश के युवाओं में उनकी लोकप्रियता को देखते हुए उन्हें 2 बार (2003 और 2004)M.T. V यूथ आइकॉन ऑफ द ईयर अवार्ड के लिए मनोनीत भी किया गया था वर्ष 2011 में प्रदर्शित हुई हिंदी फिल्म 'आई एम कलाम ' उनके जीवन से प्रभावित हैं
उन्होंने आईआईटी हैदराबाद ,बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी और अन्ना यूनिवर्सिटी में सूचना प्रौद्योगिकी भी पढ़ाया था हमेशा से देश के युवाओं और उनके भविष्य को बेहतर बनाने के बारे में बात करते थे इसी संबंध में उन्होंने देश के युवाओं के लिए 'व्हाट कैन आई गिव' पहल की शुरुआत भी की जिसका उद्देश भ्रष्टाचार का सफाया था देश के युवाओं में उनकी लोकप्रियता को देखते हुए उन्हें 2 बार (2003 और 2004)M.T. V यूथ आइकॉन ऑफ द ईयर अवार्ड के लिए मनोनीत भी किया गया था वर्ष 2011 में प्रदर्शित हुई हिंदी फिल्म 'आई एम कलाम ' उनके जीवन से प्रभावित हैं
मृत्यु
27 जुलाई 2015 को भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलांग में अध्यापन कार्य के दौरान उन्हें दिल का दौरा पड़ा जिसके बाद करोड़ों लोगों के प्रिय और चहेते डॉक्टर ए.पी.जे अब्दुल कलाम की मृत्यु हो गईडॉ ए.पी.जे अब्दुल कलाम के उपलब्धियां और पुरस्कार:
#1-पदम भूषण ,भारत सरकार -1981
#2-पदम विभूषण ,भारत सरकार -1990
#3-विशिष्ट शोधार्थी ,इंस्टिट्यूट ऑफ डायरेक्टर्स इंडिया- 1994
#4-भारत रत्न ,भारत सरकार -1997
#5-इंदिरा गांधी राष्ट्रीय एकता पुरस्कार ,भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस -1997
#6-रामानुजन पुरस्कार ,अल्वार्स शोध संस्थान चेन्नई- 2000
#7-वीर सावरकर पुरस्कार, भारत सरकार -1998
#8-डॉक्टर ऑफ साइंस (मानद उपाधि), वूल्वरहैंप्टन विश्वविद्यालय यूनाइटेड किंगडम -2007
#9-किंग चार्ल्स सेकंड मेडल ,रॉयल सोसाइटी यूनाइटेड किंगडम -2007
#10-डॉक्टर आफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी की मानद उपाधि, कार्नेगी मेलन विश्वविद्यालय- 2007
#11-डॉक्टर ऑफ साइंस मानद उपाधि, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय - 2008
#12-डॉक्टर ऑफ इंजीनियरिंग मानद उपाधि, नानयांग टेक्नोलॉजिकल विश्वविद्यालय सिंगापुर- 2008
#13-वान कॉर्मन विंग्स अंतर्राष्ट्रीय अवार्ड, कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी संयुक्त संयुक्त राज्य अमेरिका -2009
#14-मानद डॉक्टरेट ,ऑकलैंड विश्वविद्यालय -2009
#15-डॉक्टर ऑफ लॉज मानद उपाधि, साइमन फ्रेजर विश्वविद्यालय
डॉक्टर कलाम द्वारा लिखी गई कुछ पुस्तकें:
#1-इंडिया 2020 ए विजन फॉर द न्यू मिलेनियम
#2-विंग्स आफ फायर ऑटो बायोग्राफी
#3-इग्नाइटेड माइंड्स
#4-ए मेनिफेस्टो फॉर चेंज
#5-मिशन इंडिया
#6-इंस्पायरिंग थॉट्स
#7-माय जर्नी
#8-यू आर बोर्न टू ब्लॉसम
#9-द लुमिनस स्पार्क
#10-रेइगनिटेड
डॉ ए.पी.जे अब्दुल कलाम के बारे में 10 महत्वपूर्ण बातें:
#1-डॉक्टर ए.पी.जे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था डॉक्टर कलाम के पिता को परिवार का खर्चा चलाने के लिए पैसे कम पड़ जाते थे इसलिए शुरुआती शिक्षा जारी रखने के लिए कलाम को बचपन से ही काम करना पड़ा ।
#2-डॉक्टर कलाम बतौर राष्ट्रपति मिलने वाली अपनी सैलरी दान में दे दिया करते थे उन्होंने एक ट्रस्ट बनाया था और इसी ट्रस्ट में वह अपनी सैलरी डोनेट कर देते थे
#3-1992 से 1999 तक कलाम रक्षा मंत्री के रक्षा सलाहकार भी रहे । इस दौरान वाजपेयी सरकार ने पोखरण में दूसरी बार न्यूक्लियर टेस्ट भी किये और भारत परमाणु हथियार बनाने वाले देशों में शामिल हो गया
#4-डॉक्टर कलाम को "पीपुल्स प्रेसिडेंट" भी कहा जाता है
#5-डॉक्टर कलाम ने एक बार कहा था किताबे उनकी प्रिय मित्र हैं और उनके घर में लाइब्रेरी है जिसमें हजारों पुस्तकें रखी हैं वह किताबें उनकी सबसे बड़ी संपदा है
#6-डॉक्टर कलाम विशेष तौर पर उनके लिए मंगाई गई कुर्सी पर नहीं बैठते थे बल्कि सबके साथ बराबर की कुर्सी पर ही बैठा करते थे
#7-एक इंटरव्यू के दौरान डॉ कलाम ने कहा था कि संगीत और नृत्य एक ऐसा साधन है जिसके जरिए हम वैश्विक शांति सुनिश्चित कर सकते हैं
#8-डॉक्टर कलाम को तमिल में कविताएं लिखने और वीणा बजाने का शौक था
#9-इन्हें "मिसाइल मैन" के नाम से भी संबोधित किया जाता था डॉक्टर कलाम को प्रोजेक्ट डायरेक्टर के रूप में भारत का पहला स्वदेशी उपग्रह SLV-3 प्रक्षेपास्त्र बनाने का श्रेय हासिल है
#10-डॉ कलाम ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जीवन के सबसे बड़े अफसोस का जिक्र किया था उन्होंने कहा था कि वह अपने माता-पिता को उनके जीवनकाल में 24 घंटे बिजली उपलब्ध नहीं करा सके ।
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2- Soichiro Honda Success story in hindi गैराज से शुरू होकर कई देशों तक का सफर
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1 comments:
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