Real life inspirational story hindi चार भाई बहन IAS-IPS

Real life inspirational story hindi चार भाई बहन IAS-IPS :



कैसे बनें चार भाई-बहन IAS-IPS Success Story
Four Brother-Sister

                                                    सफलता की कहानी :

प्रतापगढ़ के लालगंज तहसील के रहने वाले अनिल मिश्रा अझारा कस्बे के निवासी है वह ग्रामीण बैंक के मैंनेजर थे उनके चार बच्चे दो बेटा और दो बेटी है उनकी एक ही तमन्ना थी कि उनके चारों बच्चे बड़े होकर उनका नाम रोशन करें और हुआ भी ऐसा, चारों बच्चों  ने देश की सर्वोच्च सेवाओं को Qualify की । इन चारों में सबसे बड़े योगेश मिश्रा जो IAS है दूसरे नंबर पर क्षमा मिश्रा जो IPS है तीसरे नंबर माधवी मिश्रा जो IAS हैं और चौथे नंबर पर सबसे छोटे लोकेश मिश्रा भी IAS हैं

                                                                     
चारों ने कामयाबी की ऐसी मिसाल पेश की है कि न सिर्फ इनके इलाके में बल्कि पूरे देश में इनकी चर्चा हुई बच्चों की सफलता से प्रसन्न अनिल मिश्रा बातचीत के दौरान काफी भावुक हो जाते है चारों भाई बहनों के स्कूल के शिक्षक श्री नारायण तिवारी बताते हैं कि इनके अध्यापक भी इनके प्रतिभा के कायल थे और उन्हें उम्मीद थी कि आगे चलकर यह सभी बड़ी सफलता अर्जित करेंगे । श्री नारायण तिवारी के मुताबिक अच्छे पद पर नौकरी करने के बावजूद अनिल प्रकाश मिश्र का घर आधुनिक सुख-सुविधाओं से काफी दूर था हमने क्षमा मिश्रा से जब उनके अध्ययन कक्ष को देखने की जिज्ञासा प्रकट की तो वे अपनी मां की ओर देख कर मुस्कुराने लगी और फिर जवाब दिया आप जहां बैठे हैं यही हमारा स्टडी रूम ,बेड रूम ,ड्राइंग रूम सब कुछ है पूरा घर दो कमरों का था किसी मेहमान के आने जाने पर दिक्कत होती थी


योगेश ने बताया हम सभी अपने पैतृक गांव लालगंज में रहकर ही 12वीं तक पढ़ाई की उसके बाद वह मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में बीटेक करने इलाहाबाद चले गए वहीं सॉफ्टवेयर इंजीनियर की जॉब मिल गई और नोएडा चले गया था क्षमा और माधुरी दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं की तैयारी कर रही थी रक्षाबंधन के एक दिन पहले दोनों का रिजल्ट आया और वह फेल हो गई थी


योगेश मिश्रा

उस दिन मैंने ठान लिया था कि सबसे पहले वह खुद IAS बनेंगे जिससे अपने छोटे भाई-बहनों को प्रेरणा दे सकें फिर तैयारी करनी शुरू की और 2013 के फर्स्ट attempt में ही IAS बन गये इसके बाद मैंने छोटे भाई-बहनों का मार्गदर्शन किया ।


क्षमा मिश्रा


क्षमा ने MA तक की पढ़ाई गांव से ही की । उसके बाद उनकी शादी 2006 में पास में ही रहने वाले सुधीर से हो गई सुधीर उत्तराखंड में जिला आपूर्ति अधिकारी थे उन्होंने भी क्षमा को आगे की पढ़ाई जारी रखने पर जोर दिया शुरुआत में क्षमा का सिलेक्शन 2015 में डिप्टी S.P के रूप में हुआ लेकिन अगले साल फिर से एग्जाम देने के बाद 2016 में वह IPS बन गई


माधवी मिश्रा
 

दूसरी बहन माधवी ने ग्रेजुएशन लालगंज से ही करने के बाद Economic से पोस्ट ग्रेजुएशन करने इलाहाबाद चली गई वहां पढ़ाई पूरी होने के बाद J.N.U दिल्ली में रिसर्च करने के दौरान ही 2016 में उनका सिलेक्शन IAS में हो गया


लोकेश मिश्रा

और सबसे छोटे भाई लोकेश ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से केमिकल इंजीनियरिंग करने के बाद राजस्थान के कोटा में एक फ़र्टिलाइज़र कंपनी में नौकरी कर रहे थे 2015 में P.C.S का एग्जाम Qualify कर BDO हुआ लेकिन उसके बाद उन्होंने फिर सिविल सर्विसेज की परीक्षा दी और 2016 में वह भी IAS हो गए
 

पिता अनिल मिश्रा ने बताया कि चारों बच्चों में बहुत अधिक प्रेम है प्रशासनिक सेवाओं में रहने के दौरान भी चारों बच्चे रक्षाबंधन पर जरूर इकट्ठा हुआ करते है माधुरी बताती है चारों भाई बहनों में उम्र का फर्क बहुत अधिक नहीं है सभी एक दूसरे से एक साल छोटे-बड़े हैं


इन चारों की उपलब्धि युवाओ के लिए प्रेरणादायक है इनकी सफलता युवाओं के अंदर ऊर्जा प्रदान करेगा ।


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